एकादशी के दिन कपड़े धोने चाहिए या नहीं यह पूरी तरह से आपके भगवान विष्णु के प्रति विश्वास और धार्मिक आस्था पर निर्भर करता है| यदि आप धार्मिक मान्यताओं का पालन करना चाहते हैं, तो एकादशी के दिन कपड़े धोने से दूर रह सकते हैं, ताकि ज्यादातर समय आप भगवान विष्णु का ध्यान कर सके | कपड़े धोने के लिए शारीरिक श्रम ज्यादा लगते है और इस दिन लोगों का उपवास भी रहता है | और मेरे मानने से, शायद उपवास के कारण शरीर में थकान होने से लोग कहते होंगे कि, एकादशी के दिन कपड़े नहीं चाहिए | यदि आप इन जैसी बातों को नहीं मानते तो कपड़े धोना जरूरी है, इससे आप साफ रह सकते है |
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एकादशी के दिन चावल और केले को खाना आपके धर्म और परंपरा से जुड़ा है| हिंदू धर्म में माना जाता है कि चावल में पानी का अंश ज्यादा होता है, इसीलिए एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए| इससे शरीर में आलस्य आता है|
पौराणिक मान्यताओं की बात करे तो चावल यह वरुणदेव से जोड़ा दिया गया है और उन्हे पानी की देवता भी माना जाता हैं| एकादशी पर वरुणदेव की पूजा नहीं की जाती, इसलिए कुछ लोग इस दिन चावल नहीं खाते है| केले को खाना वर्जित नहीं है, लेकिन लोग इसे भी खाते हैं|
आध्यात्मिक रूप से चर्चा करे तो एकादशी पर हल्का भोजन करना चाहिए | हल्के आहार से मन शांत रहता है और ध्यान में एकाग्रता प्राप्त होती है| चावल की बा करे तो यह भारी भोजन में गिना जाता है, इसलिए इसे न खाना लोग पसंद करते है|
इसलिए, एकादशी पर चावल और केला न खाना एक परंपरा का हिस्सा है, इसे खाए या न खाए यह आपकी मर्जी के ऊपर निर्भर करता हैं |
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सिरके को मराठी में कोई स्पेशल नाम नहीं है | सिरके को मराठी में 'व्हिनेगर' कहते है, जो अंग्रेजी भी कहा जाता है | विनेगर एक खट्टा तरल पदार्थ होता है, जो फलों या अनाजों से तैयार किया जाता है | सिरका का उपयोग भोजन में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है | सिरके को अचार, चटनी जैसे अन्य खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए किया जाता है | सिरके से घर की सफाई में भी की जाती है और इससे किचन और बाथरूम में भी सफाई करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | सिरके में शारीरिक समस्याओं दूर करने के भी लाभ है | इससे पेट की समस्या, वजन कम करने के लिए और शुगर लेवल नियंत्रित करने के लिए पानी में मिलाकर पिया जाता है |
सिरका बनाने के लिए फलों या अनाजों को किण्वित किया जाता है और किण्वन प्रक्रिया में शुगर को शराब में बदल दिया जाता है, और फिर शराब को एसिटिक एसिड में बदल दिया जाता है, जिससे सिरका बन जाता हैं |
सिरके में प्रकार होते है, इनमे खाने और सफाई में इस्तेमाल किया जानेवाला सिरका अलग होता है | जैसे कि सफेद सिरका, जिसका इस्तेमाल सफाई के लिए, सेब सिरका (Apple Cider Vinegar) स्वास्थ्य के लिए, रेड वाइन सिरका सॉस, अचार की लाइफ को बढ़ाने के लिए किया जाता है |
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एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है | एकादशी मतलब भगवान विष्णु के अन्य नामों से आपकी लड़की का नाम आप रख सकते है | मैंने आपको लिस्ट के जरिए वह नाम के सुझाव देती हूँ |
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क्या खाएं?
एकादशी व्रत में शाम को हल्का और सात्विक भोजन करना सबसे बढ़िया है| इसमें आप फल जैसे की , सेब, केला, पपीता, और संतरा खा सकते हैं, क्योंकि ये पचने में आसान होते हैं और शरीर को काफी ऊर्जा भी देते हैं और अन्य पदार्थों में साबुदाना खिचड़ी और आलू की कुट्टू या सिंघाड़े के आटे से बनी रोटियाँ भी खा सकते है | इसके साथ में दूध, दही भी खा सकते हैं, जिससे शरीर को कैल्शियम और प्रोटीन मिलता रहेगा | अधिक पानी पियें, ताकि आपके शरीर को ऊर्जा मिले |
क्या नहीं खाएं?
एकादशी व्रत के दौरान अनाज, दालें, चावल, गेहूं, प्याज, लहसुन और मांसाहार नहीं खाना चाहिए | साधारण नमक का उपयोग भी व्रत में वर्जित होता है, इसकी जगह सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है| तले हुए और मसालेदार पदार्थ से भी बचना चाहिए, क्योंकि ये पचने में भारी होते हैं और उपवास के दौरान पाचन तंत्र को बिगाड़ सकते हैं|
व्रत खोलने के बाद भारी भोजन करने से बचें, इससे पाचन संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता हैं| बहुत ज्यादा तैलीय या मिठाई खाद्य पदार्थ भी पचने में भारी होते हैं, इसलिए भोजन में संतुलन बनाए रखें और धीरे-धीरे खाना शुरू करें|
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