श्रावण मे कितने एकादशी का व्रत करना चाहिए?

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आनंदा साळवी
आनंदा साळवी
15 सितम्बर 2024
संबंधित प्रश्न: एकादशी व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए?

क्या खाएं?

एकादशी व्रत में शाम को हल्का और सात्विक भोजन करना सबसे बढ़िया है| इसमें आप फल जैसे की , सेब, केला, पपीता, और संतरा खा सकते हैं, क्योंकि ये पचने में आसान होते हैं और शरीर को काफी ऊर्जा भी देते हैं और अन्य पदार्थों में साबुदाना खिचड़ी और आलू की कुट्टू या सिंघाड़े के आटे से बनी रोटियाँ भी खा सकते है | इसके साथ में  दूध, दही भी खा सकते हैं, जिससे शरीर को कैल्शियम और प्रोटीन मिलता रहेगा | अधिक पानी पियें, ताकि आपके शरीर को ऊर्जा मिले |


क्या नहीं खाएं?

एकादशी व्रत के दौरान अनाज, दालें, चावल, गेहूं, प्याज, लहसुन और मांसाहार नहीं खाना चाहिए | साधारण नमक का उपयोग भी व्रत में वर्जित होता है, इसकी जगह सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है| तले हुए और मसालेदार पदार्थ से भी बचना चाहिए, क्योंकि ये पचने में भारी होते हैं और उपवास के दौरान पाचन तंत्र को बिगाड़ सकते हैं|

व्रत खोलने के बाद भारी भोजन करने से बचें, इससे पाचन संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता हैं| बहुत ज्यादा तैलीय या मिठाई खाद्य पदार्थ भी पचने में भारी होते हैं, इसलिए भोजन में संतुलन बनाए रखें और धीरे-धीरे खाना शुरू करें|

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संबंधित प्रश्न: एकादशी व्रत में चाय पीना चाहिए या नहीं?

हिंदू धर्म में एकादशी यह एक महत्वपूर्ण उपवास होता है जिसमें भगवान विष्णु पूजा-अर्चना की जाती है | लेकिन कुछ लोगों के मन में इस व्रत में चाय पीनी है या नहीं, इसके बारें में संदेह है | बुजुर्गों से चलती आयी परंपरा से व्रत किया जाए तो, इसमें केवल फलाहार जैसे कि, फल, दूध, और सूखे मेवे को खाया जा सकता है और व्रत में चाय पीना उचित नहीं माना जाता क्योंकि इसमें चायपत्ती और चीनी जैसी चीजें होती हैं जो उपवास भंग हो जाता है, ऐसा बुजुर्ग कहते है |

लेकिन आज, कुछ लोग व्रत के दौरान चाय पिना उचित मानते है | इससे उपवास के दौरान ऊर्जा मिलती है | 

मेरा यह कहना है कि, अगर उपवास ही करना हैं तो केवल दिन में एक बार ही शाकाहार भोजन करे और भगवान विष्णु का ध्यान करे | ऐसा करने से शारीरिक और मानसिक शुद्धि भी होगी और इससे आपका मन शांत भी होगा | आधुनिक दुनिया में बदलाव भी जरूरी है |

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विनीत चौधरी
विनीत चौधरी
31 जुलाई 2024
संबंधित प्रश्न: एकादशी के दिन कपड़े धोने चाहिए या नहीं?

एकादशी के दिन कपड़े धोने चाहिए या नहीं यह पूरी तरह से आपके भगवान विष्णु के प्रति विश्वास और धार्मिक आस्था पर निर्भर करता है| यदि आप धार्मिक मान्यताओं का पालन करना चाहते हैं, तो एकादशी के दिन कपड़े धोने से दूर रह सकते हैं, ताकि ज्यादातर समय आप भगवान विष्णु का ध्यान कर सके | कपड़े धोने के लिए शारीरिक श्रम ज्यादा लगते है और इस दिन लोगों का उपवास भी रहता है | और मेरे मानने से, शायद उपवास के कारण शरीर में थकान होने से लोग कहते होंगे कि,  एकादशी के दिन कपड़े नहीं चाहिए | यदि आप इन जैसी बातों को नहीं मानते तो कपड़े धोना जरूरी है, इससे आप साफ रह सकते है | 

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साक्षी अग्रवाल
साक्षी अग्रवाल
11 दिसम्बर 2024 . 15 अंक कमाएं
संबंधित प्रश्न: एकादशी के दिन चावल और केला खाने से क्या होगा?

एकादशी के दिन चावल और केले को खाना आपके धर्म और परंपरा से जुड़ा है| हिंदू धर्म में माना जाता है कि चावल में पानी का अंश ज्यादा होता है, इसीलिए एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए| इससे शरीर में आलस्य आता है|
पौराणिक मान्यताओं  की बात करे तो चावल यह वरुणदेव से जोड़ा दिया गया है और उन्हे पानी की देवता भी माना जाता हैं| एकादशी पर वरुणदेव की पूजा नहीं की जाती, इसलिए कुछ लोग इस दिन चावल नहीं खाते है| केले को खाना वर्जित नहीं है, लेकिन लोग इसे भी खाते हैं|
आध्यात्मिक रूप से चर्चा करे तो एकादशी पर हल्का भोजन करना चाहिए | हल्के आहार से मन शांत रहता है और ध्यान में एकाग्रता प्राप्त होती है| चावल की बा करे तो यह भारी भोजन में गिना जाता है, इसलिए इसे न खाना लोग पसंद करते है|
इसलिए, एकादशी पर चावल और केला न खाना एक परंपरा का हिस्सा है, इसे खाए या न खाए यह आपकी मर्जी के ऊपर निर्भर करता हैं |

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संबंधित प्रश्न: एकादशी पर जन्म लिए लड़की का नाम क्या रखे?

एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है | एकादशी मतलब भगवान विष्णु के अन्य नामों से आपकी लड़की का नाम आप रख सकते है | मैंने आपको लिस्ट के जरिए वह नाम के सुझाव देती हूँ |

  • रुक्मिणी: भगवान कृष्ण(विष्णु का अवतार) की पत्नी
  • हरिप्रिया: हरि, भगवान विष्णु का दूसरा नाम 
  • त्रिवेणी: तीन नदियों का संगम
  • विष्णुप्रिया: भगवान विष्णु की प्रिय
  • नारायणी: भगवान विष्णु की पत्नी
  • सुभद्रा: भगवान कृष्ण(विष्णु का अवतार) की बहन
  • शेषशायी: शेषनाग पर सोने वाली, भगवान विष्णु शेषनाग पर विराजमान होते है |
  • सत्यभामा: भगवान कृष्ण(विष्णु का अवतार) की पत्नी
  • रमा: लक्ष्मी का एक नाम
  • कौसल्या: प्रभु राम जी की माँ
  • वैष्णवी: विष्णु की भक्त
  • मीनाक्षी: मछली(विष्णु का अवतार) के आंखों वाली
  • माधवी: माधव (विष्णु)
  • शान्ति: शांति, भगवान विष्णु, सबसे शांत देवता
  • चक्रिणी: सुदर्शन चक्र(भगवान विष्णु का आयुध) धारण करने वाली
  • जनार्दनी: लोगों की संरक्षक
  • लक्ष्मी: धन और समृद्धि की देवी और भगवान विष्णु की पत्नी
  • श्रिया: सुख-समृद्धि
  • सुदर्शना: सुंदर दृष्टि वाली और सुदर्शन चक्र धारी
  • जलशायी: जल में सोने वाली, भगवान विष्णु जल में रहते है |
  • कुन्ती: पांडवों की मां, भगवान कृष्ण से संबंधित
  • द्रौपदी: महाभारत का महिला पात्र और  भगवान कृष्ण की भक्त
  • वैकुंठी: वैकुंठ (स्वर्ग)
  • कमला: कमल के समान सुंदर, विष्णु का प्रिय फूल
  • देवकी: भगवान कृष्ण(विष्णु का अवतार) की माता
  • पद्मिनी: कमल जैसा सुंदर, भगवान विष्णु के हाथ में कमाल होता है |
  • केशवी: केशव (विष्णु)
  • नारायणप्रिया: नारायण की प्रिय
  • सुमित्रा: रामायण की पात्र और लक्ष्मण की मां (प्रभु राम की सौतेली माँ)
  • सत्या: सत्य की प्रतीक
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