क्या हररोज डाबर लाल तेल से बच्चों की त्वचा पर नुकसान हो सकता है ?

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सौरभ सक्सेना
सौरभ सक्सेना
25 अक्टूबर 2024
संबंधित प्रश्न: डाबर लाल तेल ठंडा है या गरम?

डाबर लाल तेल की औषधियाँ
डाबर लाल तेल की औषधियाँ 

यह इमेज 500 ml के बोतल से लिया गया हैं | इन सभी उपलब्धियों के अनुसार डाबर लाल तेल गर्म होता हैं | 

डाबर लाल तेल में कौनसी आयुर्वेदिक दवाइयाँ होती हैं?

  • शंखपुष्पी (Convolvulus pluricaulis Choisy) - 37.04 ग्राम
  • माशा (Phaseolus mungo Linn) - 9.88 ग्राम
  • रतनजोत (Alkanna tinctoria Tanscher) - 1.23 ग्राम
  • कपूर (Cinnamomum camphora N&E) - 0.925 ग्राम
  • सरला तेल (Pinus longifolia Roxb.) - 1.85 ग्राम
  • तिल का तेल (Sesamum indicum) - q.s. to 100 मिलीलीटर

इसमें कपूर (Cinnamomum camphora), रतनजोत, माशा और तिल का तेल (Sesamum indicum) मौजूद होता हैं, जो गर्म तासीर के होते हैं | जिससे यह साबित होता हैं कि, सच में डाबर लाल तेल यह गर्म तासीर वाला तेल होता हैं |

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अमन चौधरी
अमन चौधरी
02 दिसम्बर 2024
संबंधित प्रश्न: जैतून का तेल ठंडा होता है या गरम?

जैतून का तेल (Olive Oil) की तासीर के बारे में समझने के लिए हमें इसके गुणों और शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव को पहले जानना होगा| आयुर्वेद और सामान्य समझ के अनुसार, किसी भी भोजन की तासीर ठंडी या गरम हो सकती है| जैतून का तेल गरम तासीर वाला माना जाता है, लेकिन इसे समझने के लिए कुछ इसके पाज़िटिव और नेगेटिव को जाने |

1. जैतून के तेल की प्रकृति

जैतून का तेल में Monounsaturated Fatty Acid (Healthy Fats) होते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं| इसे शरीर में गरम ऊर्जा प्रदान करने वाला माना जाता है, क्योंकि यह चयापचय (Metabolism) को तेज करता है| इसी कारण इसे "गरम तासीर" वाला समझा जाता है| 

2. स्वास्थ्य पर इसका असर

सर्दियों में उपयोग: जैतून का तेल सर्दियों में शरीर को गर्म रखने में मदद करता है| इसे मसाज तेल के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि यह त्वचा में गर्माहट और नमी प्रदान करता है| इसके सेवन की कुछ मात्रा इस गर्मी वाले मौसम में करनी चाहिए| अधिक सेवन गर्मी और पेट में जलन, या गर्मी जैसी शिकायतों को बढ़ावा दे सकती है|

3. आयुर्वेदिक में इसका महत्व

जैतून का तेल के सेवन से वात और कफ वाले दोषों को निषेक्षित कर जिसके विपरीत इसके सेवन में पित्त वृद्धि होती है |

इसका मतलब है कि जिन लोगों का शरीर स्वाभाविक रूप से पित्त प्रकृति का है, उन्हें इसका उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए|

4. सेवन के तरीके और मात्रा

खाने में: जैतून का तेल खाना पकाने  के लिए उपयुक्त है| यह एक संतुलित ऊर्जा प्रदान करता है|

सीमित मात्रा: प्रतिदिन 1-2 चम्मच जैतून का तेल शरीर के लिए पर्याप्त है | यहीं अधिक मात्रा का सेवन बहुत अधिक गर्मी के लिए शरीर को असंतुलित बना देगा |

5. इसके फ़ायदे

दिल के लिए अच्छा: जैतून का तेल कोलेस्ट्रॉल घटाता है| और दिल के लिए हेल्थी रहता है.

पाचन में सुधार: यह पाचन तंत्र को सुचारू बनाता है और कब्ज को कम करने में मदद करता है|

त्वचा और बालों के लिए लाभकारी: जैतून का तेल त्वचा में नमी बनाए रखता है और बालों को मजबूत करता है|

6. सावधानियां

गर्म स्वभाव वालों के लिए: जिन्हें पित्त से संबंधित समस्याएं हैं, जैसे पेट में जलन, एसिडिटी, या नाक से खून आना, उन्हें जैतून का तेल सीमित मात्रा में और ठंडी चीजों के साथ सेवन करना चाहिए|

शरीर की प्रतिक्रिया पर ध्यान दें: अगर जैतून का तेल खाने से गर्मी महसूस हो रही है, तो इसकी मात्रा कम कर दें|

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संबंधित प्रश्न: डाइपर की वजह से सच में बच्चों की किडनी पर कुछ असर पड़ता है ?

अप्रैल 2024, मे एक खबर में AIMS अस्पताल द्वारा यह दावा किया गया है कि डायपर के इस्तेमाल से बच्चों की किडनी पर प्रभाव पड़ सकता है| लेकिन इस दावे की सत्यता की जाँच करने की आवश्यकता है |

AIMS अस्पताल के अनुसार, लंबे समय तक गीले या गंदे डायपर पहनने से शिशुओं में किडनी संबंधित समस्याएं हो सकती हैं| यह दावे शायद, संक्रमण और त्वचा की जलन के कारण किए गए होंगे, जो धीरे-धीरे  किडनी पर दबाव डाल सकते हैं|

लेकिन लंबे समय तक गीले या गंदे डायपर से डायपर रैश और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन ये समस्याएं त्वचा और मूत्रमार्ग तक सीमित रहती हैं और सीधे किडनी को प्रभावित नहीं करती हैं |

अगर आपका समाधान हुआ हैं तो अपवोट देना न भूले |

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