यह इमेज 500 ml के बोतल से लिया गया हैं | इन सभी उपलब्धियों के अनुसार डाबर लाल तेल गर्म होता हैं |
डाबर लाल तेल में कौनसी आयुर्वेदिक दवाइयाँ होती हैं?
इसमें कपूर (Cinnamomum camphora), रतनजोत, माशा और तिल का तेल (Sesamum indicum) मौजूद होता हैं, जो गर्म तासीर के होते हैं | जिससे यह साबित होता हैं कि, सच में डाबर लाल तेल यह गर्म तासीर वाला तेल होता हैं |
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जैतून का तेल (Olive Oil) की तासीर के बारे में समझने के लिए हमें इसके गुणों और शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव को पहले जानना होगा| आयुर्वेद और सामान्य समझ के अनुसार, किसी भी भोजन की तासीर ठंडी या गरम हो सकती है| जैतून का तेल गरम तासीर वाला माना जाता है, लेकिन इसे समझने के लिए कुछ इसके पाज़िटिव और नेगेटिव को जाने |
1. जैतून के तेल की प्रकृति
जैतून का तेल में Monounsaturated Fatty Acid (Healthy Fats) होते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं| इसे शरीर में गरम ऊर्जा प्रदान करने वाला माना जाता है, क्योंकि यह चयापचय (Metabolism) को तेज करता है| इसी कारण इसे "गरम तासीर" वाला समझा जाता है|
2. स्वास्थ्य पर इसका असर
सर्दियों में उपयोग: जैतून का तेल सर्दियों में शरीर को गर्म रखने में मदद करता है| इसे मसाज तेल के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि यह त्वचा में गर्माहट और नमी प्रदान करता है| इसके सेवन की कुछ मात्रा इस गर्मी वाले मौसम में करनी चाहिए| अधिक सेवन गर्मी और पेट में जलन, या गर्मी जैसी शिकायतों को बढ़ावा दे सकती है|
3. आयुर्वेदिक में इसका महत्व
जैतून का तेल के सेवन से वात और कफ वाले दोषों को निषेक्षित कर जिसके विपरीत इसके सेवन में पित्त वृद्धि होती है |
इसका मतलब है कि जिन लोगों का शरीर स्वाभाविक रूप से पित्त प्रकृति का है, उन्हें इसका उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए|
4. सेवन के तरीके और मात्रा
खाने में: जैतून का तेल खाना पकाने के लिए उपयुक्त है| यह एक संतुलित ऊर्जा प्रदान करता है|
सीमित मात्रा: प्रतिदिन 1-2 चम्मच जैतून का तेल शरीर के लिए पर्याप्त है | यहीं अधिक मात्रा का सेवन बहुत अधिक गर्मी के लिए शरीर को असंतुलित बना देगा |
5. इसके फ़ायदे
दिल के लिए अच्छा: जैतून का तेल कोलेस्ट्रॉल घटाता है| और दिल के लिए हेल्थी रहता है.
पाचन में सुधार: यह पाचन तंत्र को सुचारू बनाता है और कब्ज को कम करने में मदद करता है|
त्वचा और बालों के लिए लाभकारी: जैतून का तेल त्वचा में नमी बनाए रखता है और बालों को मजबूत करता है|
6. सावधानियां
गर्म स्वभाव वालों के लिए: जिन्हें पित्त से संबंधित समस्याएं हैं, जैसे पेट में जलन, एसिडिटी, या नाक से खून आना, उन्हें जैतून का तेल सीमित मात्रा में और ठंडी चीजों के साथ सेवन करना चाहिए|
शरीर की प्रतिक्रिया पर ध्यान दें: अगर जैतून का तेल खाने से गर्मी महसूस हो रही है, तो इसकी मात्रा कम कर दें|
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डाबर लाल तेल बहुत सारे लोग बच्चों की मालिश के लिए इस्तेमाल करते हैं और इसमे बच्चों की हड्डियों और मांसपेशियों को मज़बूत बनाने में के लिए नैसर्गिक जड़ी-बूटियाँ होती हैं|
हर बच्चे की त्वचा एक जैसी नहीं होती|
कुछ बच्चों को ये तेल बिल्कुल सूट नहीं करता है, इससे रैशस, जलन या लालपन हो सकता है, इसे गर्मियों के मौसम में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए |
अगर आप हर रोज़ इस्तेमाल कर रहे हो और बच्चे की स्किन बिलकुल ठीक है तो चिंता की ज़रूरत नहीं हैं ,
लेकिन अगर थोड़ी भी खुजली या जलन दिखे, तो तुरंत इसका इस्तेमाल बंद करे,इसके बजाय नारियल तेल का उपयोग करे |
आप इसका एक छोटा सा टेस्ट करके देखो , इसके लिए एक दिन अपने बच्चे के सिर्फ हाथ या पैर पर थोड़ा लगाकर देखो, अगर कोई रिएक्शन नहीं होता, तो आप उसके पूरे बॉडी पर लगा सके हैं |
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मौसमी का जूस प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है| इसे लोग ज्यादातर गर्मियों के दिनों के दौरान शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पीते है | इस जूस मे विटामिन सी और पोटेशियम होने के कारण यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है | इससे शरीर की गर्मी भी कम हो जाती हैं | गर्मियों के दिनों में तरोताजा महसूस कराने में बहुत कारगर साबित होता है| कई लोग इसे फ्रिज में ठंडा करके पीना पसंद करते है |
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