भारत में बच्चा गोद लेना यह कोई आम बात नहीं है, इसके लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है | इसमें भारतीय दत्तक ग्रहण विधेयक और केंद्रीय दत्तक संसाधन प्राधिकरण (CARA) द्वारा इस प्रक्रिया को नियंत्रित किया जाता है और CARA(Central Adoption Resource Authority) से मान्यता लिए हुए एजेन्सीस से भी बच्चा गोद लिया जा सकता है | आप https://cara.wcd.gov.in/ पर बच्चा गोद कैसे लिया जाता है, वह पूरी प्रोसेस दी हुई है |
CARA ये भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का एक हिस्सा है और इसमे भारत अन्य देशों के बच्चों के दत्तक लेने पर नियंत्रण रखा जाता है |
भारत से दत्तक लेने की प्रक्रिया:
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मेरा सीधा उत्तर है की प्रेगनेंसी के दौरान अनार खाने से बच्चे के रंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है| यह एक गलतफ़हमी है जो बिना किसी वैज्ञानिक प्रमाण के फैली हुई है| अनार एक पौष्टिक फल है जिसमें कई महत्वपूर्ण विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जिससे माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य रह सकते है |
वैसे तो बच्चे का रंग मुख्य रूप से माता-पिता के जीन और आनुवंशिकता पर निर्भर करता है| अगर माँ या बाप मे से कोई सावला है तो बच्चे का सावला होना 99% सही है | उसके रंग के बजाय उसके स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान रखना चाहिए|
अनार में आयरन, विटामिन सी, विटामिन ब9(फोलेट), एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर जैसे पोषकतत्व होते है, जिससे माँ और बच्चे दोनों स्वस्थ रहते है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को अनार को अपने आहार में शामिल करना चाहिए |
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