मेरा सीधा उत्तर है की प्रेगनेंसी के दौरान अनार खाने से बच्चे के रंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है| यह एक गलतफ़हमी है जो बिना किसी वैज्ञानिक प्रमाण के फैली हुई है| अनार एक पौष्टिक फल है जिसमें कई महत्वपूर्ण विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जिससे माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य रह सकते है |
वैसे तो बच्चे का रंग मुख्य रूप से माता-पिता के जीन और आनुवंशिकता पर निर्भर करता है| अगर माँ या बाप मे से कोई सावला है तो बच्चे का सावला होना 99% सही है | उसके रंग के बजाय उसके स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान रखना चाहिए|
अनार में आयरन, विटामिन सी, विटामिन ब9(फोलेट), एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर जैसे पोषकतत्व होते है, जिससे माँ और बच्चे दोनों स्वस्थ रहते है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को अनार को अपने आहार में शामिल करना चाहिए |
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प्रेग्नन्सी के दौरान प्राइवेट पार्ट में दर्द होना आम बात है, इसमें शरीर मे हो रहे बदलाव, हार्मोनल बदलाव, रक्त प्रवाह का बढ़ना और पेट मे पल रहे बच्चे का सिर नीचे की ओर आना हो सकता है |
जैसे जैसे पेट में बच्चे का आकार बढ़ता है, वैसे वैसे योनि की जगह पर दबाव पड़ता है और इससे दर्द होता है | योनि की जगह पर मांसपेशियों में तनाव आने से भी दर्द हो सकता है | रक्त प्रवाह बढ़ने से वहाँ सूजन या दर्द हो सकता है |
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