कलियुग में सबसे बड़े देवता के रूप में भगवान विष्णु के अवतार; भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीराम को प्रमुख देवता माना जाता है| कलियुग में ज्यादातर महत्व भगवान श्रीकृष्ण को दिया जाता है|
भगवान विष्णु यह ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन त्रिदेवों में से एक हैं, वह सृष्टि के पालनकर्ता माने जाते हैं| वे प्रत्येक युग में एक नए अवतार में प्रकट होते हैं|
भगवान श्रीकृष्ण, जो भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं और कलियुग में भी पूजे जाते हैं| उन्होंने अर्जुन को मार्गदर्शित की हुई भगवद गीता की शिक्षाएँ कलियुग में मानव जीवन के कल्याण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं| गीता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और उनके नाम जाप करना कलियुग में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है |
हिन्दू धर्म में अन्य देवताओं को भी महत्वपूर्ण स्थान है, उनमें भगवान शिव, भगवान ब्रह्मा, प्रभु श्रीराम, भगवान हनुमान, और भगवान कल्कि हैं |
भगवान शिव का अवतार भगवान हनुमान को भी कलियुग में सबसे अधिक पूजा जाता हैं| लोगों का यह मानना है कि हनुमान जी अमर हैं और वे अभी भी जीवित हैं, इसलिए हनुमान चालीसा का पठन करने से हमारे सारे कष्ट दूर होते है और घर में सुख-शांति बनी रहती है|
विष्णु पुराण के आधार पर भगवान विष्णु कलियुग के अंत में अपने कल्कि अवतार में प्रकट होंगे और अधर्म का नाश करेंगे और वह सफेद घोड़े पर सवार होकर और हाथ में खड्ग धारण करके प्रकट होंगे और पापों का सर्वनाश करेंगे |
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"ॐ शांति शांति शांति" इन चार शब्दों को हिन्दू धर्म में काफी महत्व है | जब किसी हिन्दू धर्मीय इंसान की मृत्यु हो जाती है , तो ॐ शांति शांति शांति का उच्चारण किया जाता है, लेकिन इस मंत्र के पीछे गहरा अर्थ छिपा है | इस मृत्यु हुए इंसान के आत्मा के शांति के लिए इस मंत्र से प्रार्थना की जाती है |
ॐ यह परमात्मा का प्रतिक है और इससे सभी प्रार्थनाओं की शुरुआत होती है | पहला शांति शब्द शरीर की शांति को दर्शाता है | दूसरा शांति शब्द मानसिक और भावनिक शांति के लिए होता है और तीसरा शांति शब्द आध्यात्मिक रूप से शांति प्रदान करने के लिए होता है |
मृत्यु के समय इस मंत्र का उच्चारण आत्मा की शांति के लिए और उसके आगे के जीवन में शांति के लिए प्रार्थना की जाती है | मृत्यु के कारण उसका परिवार को मानसिक शांति के लिए भी यह मंत्र होता है |
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आप जिंदा हैं, यह भगवान का अस्तित्व होने का सबूत नहीं हो सकता हैं क्या? अगर नहीं हो सकता हैं तो कुछ उदाहरण मैं दे देता हूँ कि, जिससे भगवान का अस्तित्व हैं, यह नास्तिक होने पर भी मानना पड़ेगा |
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