हर गर्भवती महिला को तीसरे महीने मे ultrasound करवाने की सलाह डॉक्टर देते है, ताकि भ्रूण की अवस्था नॉर्मल है या नहीं यह जाँचने के लिए | अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में बच्चे का वजन (फेटल वेट) अक्सर "Estimated Fetal Weight" (EFW) के रूप में रिपोर्ट के ऊपर या नीचे लिखा होता है | अगर नहीं लिखा होता है तो मैं आपको बताती हूँ की, इसे कैसे निकाला जा सकता है | इस वजन को नापने के लिए कुछ गणितीय समीकरण का उपयोग किया जाता है | नीचे भ्रूण के शरीर के हिस्सों से भ्रूण का अनुमानित वजन को आप जान सकते है |
डॉक्टर इन सभी मापों को विभिन्न समीकरणों की मदद से भ्रूण का अनुमानित वजन निकालते हैं |
आप भी https://srhr.org/fetalgrowthcalculator इस लिंक का उपयोग करके अपने भ्रूण का वजन नाप सकते है|
यह ध्यान दे कि यह वजन सटीक नहीं हो सकता है , यह केवल एक अनुमान होता है और वास्तविक जन्म के समय वजन में थोड़ी भिन्नता हो सकती है| अल्ट्रासाउंड में वजन की सटीकता गर्भावस्था के शुरुआत में अधिक होती है और जैसे-जैसे डिलीवरी का समय नजदीक आता है, इसमें थोड़ी कम-ज्यादा हो सकती है|
नमस्कार!!!
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Tomorrow अर्थ है कल, यह वह दिन होता है, जो आज के बाद आता है, जैसे कि आज सोमवार है, तो कल मंगलवार होगा|
Yesterday अर्थ है बीता हुआ कल, यह वह दिन होता है, जो आज से पहले था,जैसे कि आज सोमवार है, तो बीता हुआ कल का दिन रविवार था|
Today अर्थ है आज,ये वह दिन होता है, जो वर्तमान या आज में चल रहा है, जैसे कि आज सोमवार है, तो आज सोमवार है|
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शिवलिंग पर चढ़ाए गए बेलपत्र को भगवान शिव को अर्पित किया जाता और इस वजह से उस बेलपत्र को पवित्र माना जाता है| लेकिन कृपया इस बेलपत्र को पानी से धोकर खाना उचित रहेगा |
अगर बेलपत्र के फ़ायदे की बात करे तो इसे हिन्दू धर्म मे एक पवित्र और औषधीय पौधा माना जाता है|बेलपत्र खाने के कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं |
बेलपत्र खाने से शरीर की गर्मी को कम करने के लिए उपयुक्त है | यह शरीर को ठंडक पहुंचाने मे मदद करता है |
बेलपत्र का सेवन पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है| यह कब्ज, डायरिया और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायता करता है|
बेलपत्र डायबिटीज वाले मरीजों के लिए लाभकारी हो सकता है| इसमें मौजूद तत्व रक्त की शर्करा का स्तर नियंत्रित करने में मदद करता हैं|
बेलपत्र का उपयोग श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा और सर्दी-खांसी में राहत दिलाने में किया जाता है| इसका सेवन बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है और फेफड़े को साफ रखता है|
बेलपत्र से लिवर और किडनी का इलाज किया जाता है| यह लिवर को डिटॉक्सिफाई करता है और किडनी स्टोन को निकालने में मदद करता है|
बेलपत्र रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है|
आप बेलपत्र का जूस बनाकर पी सकते हैं या सूखे बेलपत्र को पीसकर पाउडर बनाकर इसे पानी या दूध के साथ लें सकते है| इसकी चाय भी बना सकते हैं, जो पाचन और श्वसन संबंधी समस्याओं में राहत देती है|
जरूरी सूचना: बेलपत्र के सेवन से पहले किसी डाक्टर से परामर्श करना आवश्यक है, खासकर यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं या कोई दवाई ले रहे हैं|
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