लड़कियों के प्राइवेट पार्ट में खुजली होना यह एक समस्या बन चुकी है, इसमें सबसे कॉमन रीज़न होता है की उस जगह को हमेशा स्वच्छ और सूखा रखना | बैक्टिरीअल इन्फेक्शन से बैक्टीरीया या फंगस से स्किन पर रैश और रिंगवर्म जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है, इसमें स्किन लाल और छोटे धब्बे जैसी दिखती है | इसके अलावा, साबुन से भी ऐलर्जी हो सकती है | पीरियड के दौरान, हॉर्मोन्स चेंजेस से भी खुजली आ सकती है |
इसके इलाज के लिए नियमित रूप से योनि की सफाई और उस जगह को सूखा रखना आवश्यक है| यदि खुजली लंबे समय तक रहती है, तो डॉक्टर की मदद जरूर ले |
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बाजार में दाद, खाज, खुजली के लिए कई अच्छी क्रीम उपलब्ध हैं| लेकिन इसे इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले, ताकि इसका सही इलाज हो सके | यहा पर कुछ क्रीम्स की लिस्ट दी हुई है |
Ketoconazole Nizoral 2%: यह क्रीम विभिन्न प्रकार के फंगल संक्रमण जैसे दाद, एथलीट फुट, और जॉक इच को प्रभावी ढंग से इलाज करती है| इसमें मुख्य घटक केटोकॉनाजोल होता है, जो फंगस को बढ़ने से रोकता है और संक्रमण को ठीक करता है|
Gladic Fusidic Acid 2%: इस क्रीम मे फ्यूसिडिक एसिड होता है, जो फंगल संक्रमण के लाल त्वचा और जलन को जल्दी से राहत देता है| यह अलग-अलग प्रकार के फंगल संक्रमणों के लिए उपयुक्त है और इसे सभी त्वचा प्रकारों के लिए सुरक्षित माना जाता है|
Clotrimazole Candid Cream: यह क्रीम क्लोट्रिमाज़ोल के साथ आती है और विभिन्न प्रकार के फंगल संक्रमणों का इलाज करने में उपयुक्त है| यह लंबे समय तक उपयोग के लिए सुरक्षित है और खुजली से राहत देती है|
Danzole-XL Ketoconazole Cream: यह क्रीम विशेष रूप से पुराने फंगल संक्रमण के लिए बनाई गई है और खुजली, लाली और दर्द से राहत देती है| इसमें केटोकॉनाजोल होता है जिससे संक्रमण को प्रभावी ढंग से समाप्त किया जाता है|
Terbinafine Tablet: यह क्रीम नहीं बल्कि एक गोली है, जिससे फंगल संक्रमण का इलाज पेट के माध्यम से इंटर्नली किया जाता है और इसे एथलीट फुट, जॉक इच, और रिंगवर्म के इलाज के लिए भी फायदेमंद है|
Sertaconazole Nitrate Cream (Serto-Sense Cream): यह क्रीम फंगल इन्फेक्शन के परजीवी को मारकर त्वचा ठीक करने में प्रभावी है| यह खुजली, लाली और जलन से भी राहत प्रदान करती है|
ये सभी क्रीम्स बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं | इन क्रीम्स का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरुरी है ताकि सही उपचार को चुना जा सके|
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प्रेग्नन्सी के दौरान प्राइवेट पार्ट में दर्द होना आम बात है, इसमें शरीर मे हो रहे बदलाव, हार्मोनल बदलाव, रक्त प्रवाह का बढ़ना और पेट मे पल रहे बच्चे का सिर नीचे की ओर आना हो सकता है |
जैसे जैसे पेट में बच्चे का आकार बढ़ता है, वैसे वैसे योनि की जगह पर दबाव पड़ता है और इससे दर्द होता है | योनि की जगह पर मांसपेशियों में तनाव आने से भी दर्द हो सकता है | रक्त प्रवाह बढ़ने से वहाँ सूजन या दर्द हो सकता है |
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