प्रेग्नन्सी के दौरान प्राइवेट पार्ट में दर्द होना आम बात है, इसमें शरीर मे हो रहे बदलाव, हार्मोनल बदलाव, रक्त प्रवाह का बढ़ना और पेट मे पल रहे बच्चे का सिर नीचे की ओर आना हो सकता है |
जैसे जैसे पेट में बच्चे का आकार बढ़ता है, वैसे वैसे योनि की जगह पर दबाव पड़ता है और इससे दर्द होता है | योनि की जगह पर मांसपेशियों में तनाव आने से भी दर्द हो सकता है | रक्त प्रवाह बढ़ने से वहाँ सूजन या दर्द हो सकता है |
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पीरियड आने से पहले ब्रेस्ट में दर्द हार्मोन्स(संप्रेरक) मे बदलाव, स्तन के ग्रंथियों में बदलाव या पानी के प्रतिधारण से होता है | पीरियड आने से पहले ब्रेस्ट में दर्द होना एक सामान्य क्रिया है, जिसे PMS(प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम ) का हिस्सा माना जाता है|
मासिक धर्म के दौरान एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा में उतार-चढ़ाव होता है| पीरियड के आने से पहले, इन हार्मोनों का स्तर अनियंत्रित होने से ब्रेस्ट के ग्रंथियों में सूजन और दर्द हो सकता है| ब्रेस्ट में ग्लैंडुलर इस ग्रंथि के बढ़ने से स्तन में सूजन या भारीपन आता है |
इसके उपाय के लिए आप ब्रेस्ट की गर्म पानी से सिकाई करना, नमक, चाय, कॉफी और जंक फूड का कम सेवन करना चाहिए | अगर दर्द असह्य हो तो डाक्टर से सम्पर्क करे |
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लड़कियों के प्राइवेट पार्ट में खुजली होना यह एक समस्या बन चुकी है, इसमें सबसे कॉमन रीज़न होता है की उस जगह को हमेशा स्वच्छ और सूखा रखना | बैक्टिरीअल इन्फेक्शन से बैक्टीरीया या फंगस से स्किन पर रैश और रिंगवर्म जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है, इसमें स्किन लाल और छोटे धब्बे जैसी दिखती है | इसके अलावा, साबुन से भी ऐलर्जी हो सकती है | पीरियड के दौरान, हॉर्मोन्स चेंजेस से भी खुजली आ सकती है |
इसके इलाज के लिए नियमित रूप से योनि की सफाई और उस जगह को सूखा रखना आवश्यक है| यदि खुजली लंबे समय तक रहती है, तो डॉक्टर की मदद जरूर ले |
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