मैं तो कहता हूँ गर्भवती महिला को मंदिर जाना चाहिए | कोई धर्म या कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि, गर्भवती महिलाओं को मंदिर नहीं जाना चाहिए | यह केवल अफवाह है | लेकिन इससे गर्भवती को शारीरिक थकान हो सकती है या भीड़भाड़ के कारण संक्रमण हो सकता है और इसका परिणाम स्वाभाविक रूप से उसके गर्भ मे पल रहे बच्चे पर हो सकता है |
गर्भवती महिला को मंदिर के भीड़ से संक्रमण और मंदिर के सीढ़ियों पर चढ़ने-उतरने की वजह से थकान हो सकती है और इससे चक्कर आने से वह गिर सकती है | महिला स्वास्थ्य ठीक हो और उसे मंदिर जाने की इच्छा हो तो वह मंदिर जा सकती है | मंदिर जाने से गर्भ मे पल रहे बच्चे पर सकारात्मक परिणाम होगा |
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हर गर्भवती महिला को तीसरे महीने मे ultrasound करवाने की सलाह डॉक्टर देते है, ताकि भ्रूण की अवस्था नॉर्मल है या नहीं यह जाँचने के लिए | अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में बच्चे का वजन (फेटल वेट) अक्सर "Estimated Fetal Weight" (EFW) के रूप में रिपोर्ट के ऊपर या नीचे लिखा होता है | अगर नहीं लिखा होता है तो मैं आपको बताती हूँ की, इसे कैसे निकाला जा सकता है | इस वजन को नापने के लिए कुछ गणितीय समीकरण का उपयोग किया जाता है | नीचे भ्रूण के शरीर के हिस्सों से भ्रूण का अनुमानित वजन को आप जान सकते है |
डॉक्टर इन सभी मापों को विभिन्न समीकरणों की मदद से भ्रूण का अनुमानित वजन निकालते हैं |
आप भी https://srhr.org/fetalgrowthcalculator इस लिंक का उपयोग करके अपने भ्रूण का वजन नाप सकते है|
यह ध्यान दे कि यह वजन सटीक नहीं हो सकता है , यह केवल एक अनुमान होता है और वास्तविक जन्म के समय वजन में थोड़ी भिन्नता हो सकती है| अल्ट्रासाउंड में वजन की सटीकता गर्भावस्था के शुरुआत में अधिक होती है और जैसे-जैसे डिलीवरी का समय नजदीक आता है, इसमें थोड़ी कम-ज्यादा हो सकती है|
नमस्कार!!!
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