मैं तो कहता हूँ गर्भवती महिला को मंदिर जाना चाहिए | कोई धर्म या कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि, गर्भवती महिलाओं को मंदिर नहीं जाना चाहिए | यह केवल अफवाह है | लेकिन इससे गर्भवती को शारीरिक थकान हो सकती है या भीड़भाड़ के कारण संक्रमण हो सकता है और इसका परिणाम स्वाभाविक रूप से उसके गर्भ मे पल रहे बच्चे पर हो सकता है |
गर्भवती महिला को मंदिर के भीड़ से संक्रमण और मंदिर के सीढ़ियों पर चढ़ने-उतरने की वजह से थकान हो सकती है और इससे चक्कर आने से वह गिर सकती है | महिला स्वास्थ्य ठीक हो और उसे मंदिर जाने की इच्छा हो तो वह मंदिर जा सकती है | मंदिर जाने से गर्भ मे पल रहे बच्चे पर सकारात्मक परिणाम होगा |
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शिवलिंग पर चढ़ाए गए बेलपत्र को भगवान शिव को अर्पित किया जाता और इस वजह से उस बेलपत्र को पवित्र माना जाता है| लेकिन कृपया इस बेलपत्र को पानी से धोकर खाना उचित रहेगा |
अगर बेलपत्र के फ़ायदे की बात करे तो इसे हिन्दू धर्म मे एक पवित्र और औषधीय पौधा माना जाता है|बेलपत्र खाने के कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं |
बेलपत्र खाने से शरीर की गर्मी को कम करने के लिए उपयुक्त है | यह शरीर को ठंडक पहुंचाने मे मदद करता है |
बेलपत्र का सेवन पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है| यह कब्ज, डायरिया और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायता करता है|
बेलपत्र डायबिटीज वाले मरीजों के लिए लाभकारी हो सकता है| इसमें मौजूद तत्व रक्त की शर्करा का स्तर नियंत्रित करने में मदद करता हैं|
बेलपत्र का उपयोग श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा और सर्दी-खांसी में राहत दिलाने में किया जाता है| इसका सेवन बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है और फेफड़े को साफ रखता है|
बेलपत्र से लिवर और किडनी का इलाज किया जाता है| यह लिवर को डिटॉक्सिफाई करता है और किडनी स्टोन को निकालने में मदद करता है|
बेलपत्र रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है|
आप बेलपत्र का जूस बनाकर पी सकते हैं या सूखे बेलपत्र को पीसकर पाउडर बनाकर इसे पानी या दूध के साथ लें सकते है| इसकी चाय भी बना सकते हैं, जो पाचन और श्वसन संबंधी समस्याओं में राहत देती है|
जरूरी सूचना: बेलपत्र के सेवन से पहले किसी डाक्टर से परामर्श करना आवश्यक है, खासकर यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं या कोई दवाई ले रहे हैं|
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छत्रपती शिवाजी महाराज की मृत्यु 3 अप्रैल 1680 को रायगढ़ किले पर हुई थी| उनकी मृत्यु के बारे में इतिहासकारों में अभी भी मतभेद हो रहे हैं, जिनमें से अधिकांश इतिहासकार और विद्वानों का यह कहना हैं कि उनकी मृत्यु बीमारियों के कारण हुई और अन्य इतिहासकारों का कहना है कि उन्हे विष देकर मारा गया|
पहला मत यह है कि, छत्रपती शिवाजी महाराज की मृत्यु का कारण उनकी बीमारी थी| शिवाजी महाराज को कुछ समय से बुखार और पेचिश जैसी बीमारियों ने घेर लियाथा| ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, उनकी स्वास्थ्य स्थिति धीरे-धीरे खराब हो रही थी और आखिर मे उनकी मृत्यु हो गई| इस मत का समर्थन करने वाले विद्वानों में जदुनाथ सरकार हैं, जिन्होंने अपनी पुस्तक "Shivaji and His Times" में विस्तार से बताया गया है|
दूसरा मत यह है कि, छत्रपती शिवाजी महाराज की मृत्यु उनके खिलाफ रची गई साजिश थी | उन्हे भोजन के माध्यम से विष देकर मारा गया था| लेकिन इसके बारे में कोई ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं और इतिहासकार इस घटना को समर्थन नहीं देते|
संदर्भ:
Shivaji and His Times by J. A.Sarkar
https://archive.org/details/shivajihistimes00sarkrich/page/n9/mode/2up
(छत्रपती शिवाजी महाराज - काळ आणि कर्तृत्व) https://www.amazon.in/Chhatrapati-Shivaji-His-Times-Marathi/dp/8195978495
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The Indian Penal Code (IPC) में किसी महिला को जबरदस्ती निर्वस्त्र करने के मामले में सजा का प्रावधान किया गया है| इस प्रकार के अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता(IPC) की धारा 354B लागू होती है| इस धारा के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति महिला को जबरदस्ती निर्वस्त्र करता है या प्रयास करता है, तो उसे कारावास की सजा दी जा सकती है| इसमे दोषी को कम से कम तीन साल के लिए कारावास और यह सात साल भी हो सकता है | इसके लिए जुर्माना भी भरना पड़ेगा |
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