भगवान शिव जी के पिता कौन थे?

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नेहा शुक्ला
नेहा शुक्ला
26 जुलाई 2024
संबंधित प्रश्न: शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से क्या होता है?

शिवलिंग पर चढ़ाए गए बेलपत्र को भगवान शिव को अर्पित किया जाता और इस वजह से उस बेलपत्र को पवित्र माना जाता है| लेकिन कृपया इस बेलपत्र को पानी से धोकर खाना उचित रहेगा | 

अगर बेलपत्र के फ़ायदे की बात करे तो इसे हिन्दू धर्म मे एक पवित्र और औषधीय पौधा माना जाता है|बेलपत्र खाने के कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं |

बेलपत्र खाने से शरीर की गर्मी को कम करने के लिए उपयुक्त है | यह शरीर को ठंडक पहुंचाने मे मदद करता है |

बेलपत्र का सेवन पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है| यह कब्ज, डायरिया और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायता करता है| 

बेलपत्र डायबिटीज वाले मरीजों के लिए लाभकारी हो सकता है| इसमें मौजूद तत्व रक्त की शर्करा का स्तर नियंत्रित करने में मदद करता हैं|

बेलपत्र का उपयोग श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा और सर्दी-खांसी में राहत दिलाने में किया जाता है| इसका सेवन बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है और फेफड़े को साफ रखता है|

बेलपत्र से लिवर और किडनी का इलाज किया जाता है| यह लिवर को डिटॉक्सिफाई करता है और किडनी स्टोन को निकालने में मदद करता है|

बेलपत्र रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है|

आप बेलपत्र का जूस बनाकर पी सकते हैं या सूखे बेलपत्र को पीसकर पाउडर बनाकर इसे पानी या दूध के साथ लें सकते है| इसकी चाय भी बना सकते हैं, जो पाचन और श्वसन संबंधी समस्याओं में राहत देती है|

जरूरी सूचना: बेलपत्र के सेवन से पहले किसी डाक्टर से परामर्श करना आवश्यक है, खासकर यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं या कोई दवाई ले रहे हैं|

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आरव चौधरी
आरव चौधरी
21 सितम्बर 2024
संबंधित प्रश्न: भगवान होने का सबसे बड़ा सबूत क्या है?

आप जिंदा हैं, यह भगवान का अस्तित्व होने का सबूत नहीं हो सकता हैं क्या? अगर नहीं हो सकता हैं तो कुछ उदाहरण मैं दे देता हूँ कि, जिससे भगवान का अस्तित्व हैं, यह नास्तिक होने पर भी मानना पड़ेगा |

  • शरीर में खून कौन बनाता है और अभी तक खून बनाने की फैक्ट्री किसी ने पैदा नहीं की |
  • जब बच्चा पैदा होता है तो माँ के स्तनों में दूध कौन लाता है |
  • आप ग्रैविटी को मानते हैं तो वृक्ष में नीचे से ऊपर तक पानी कौन पहुंचाता है |
  • भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को विराट रूप में दर्शन दिया, यह भगवान होने एक सबूत हैं |
  • भगवान रामजी का भारत और श्रीलंका को जोड़नेवाला रामसेतु इस धरती पर होना भगवान होने का प्रमाण है |
  • ब्रह्मांड की रचना करनेवाली व्यक्ति कोई बुद्धिमान शक्ति (ईश्वर) हो सकती है |
  • संत, ऋषिमुनि और भक्तों ने ईश्वर के प्रत्यक्ष रूप से दर्शन किए है |
  • धार्मिक और ऐतिहासिक चमत्कार, जैसे अवतारों का आना और अन्य असाधारण घटनाएँ, ईश्वर की उपस्थिति का संकेत माना जाता है |

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संबंधित प्रश्न: शिवाजी महाराज की मृत्यु कैसे हुई?

छत्रपती शिवाजी महाराज की मृत्यु
रयतेचा राजा छत्रपती शिवाजी महाराज

छत्रपती शिवाजी महाराज की मृत्यु 3 अप्रैल 1680 को रायगढ़ किले पर हुई थी| उनकी मृत्यु के बारे में इतिहासकारों में अभी भी मतभेद हो रहे हैं, जिनमें से अधिकांश इतिहासकार और विद्वानों का यह कहना हैं कि उनकी मृत्यु बीमारियों के कारण हुई और अन्य इतिहासकारों का कहना है कि उन्हे विष देकर मारा गया|

पहला मत यह है कि, छत्रपती शिवाजी महाराज की मृत्यु का कारण उनकी बीमारी थी| शिवाजी महाराज को कुछ समय से बुखार और पेचिश जैसी बीमारियों ने घेर लियाथा| ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, उनकी स्वास्थ्य स्थिति धीरे-धीरे खराब हो रही थी और आखिर मे उनकी मृत्यु हो गई| इस मत का समर्थन करने वाले विद्वानों में जदुनाथ सरकार हैं, जिन्होंने अपनी पुस्तक "Shivaji and His Times" में विस्तार से बताया गया है|

दूसरा मत यह है कि, छत्रपती शिवाजी महाराज की मृत्यु उनके खिलाफ रची गई साजिश थी | उन्हे भोजन के माध्यम से विष देकर मारा गया था| लेकिन इसके बारे में कोई ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं और इतिहासकार इस घटना को समर्थन नहीं देते| 


संदर्भ:

Shivaji and His Times by J. A.Sarkar

https://archive.org/details/shivajihistimes00sarkrich/page/n9/mode/2up

(छत्रपती शिवाजी महाराज - काळ आणि कर्तृत्व) https://www.amazon.in/Chhatrapati-Shivaji-His-Times-Marathi/dp/8195978495

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आर्यन वर्मा
आर्यन वर्मा
27 जुलाई 2024
संबंधित प्रश्न: बुधवार को शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए?

बुधवार के दिन भगवान शिव की पूजा करते समय कुछ विशेष वस्तुएं चढ़ाने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है|

  • दूध: शिवलिंग पर दूध चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है| यह भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी उपाय है|
  • जल: पवित्र जल चढ़ाने से भी शिव जी की कृपा प्राप्त होती है|
  • बेलपत्र: भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इसे चढ़ाने से विशेष फल प्राप्त होता है| यह कहा जाता है कि तीन पत्तियों वाला बिल्व पत्र शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं|
  • धतूरा: धतूरे का फूल भी भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं| इन्हें चढ़ाने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है|
  • चंदन का लेप: शिवलिंग पर चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है| यह भगवान शिव को शीतलता प्रदान करता है और पूजा में एक विशेष महत्व होता है|
  • चावल: शिवलिंग पर चावल(अक्षत) चढ़ाना भी शुभ माना जाता है| चावल को  शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है|
  • धूप और दीपक: शिवलिंग के सामने धूप और दीपक जलाना भी पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है| इससे वातावरण पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है|
  • पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद, और चीनी का मिश्रण शिवलिंग पर चढ़ाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है|

बुधवार के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं|

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