भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु हिंदू धर्म में प्रमुख देवता हैं | हालांकि दोनों में कई समानताएं और इनमे अंतर भी है |
भगवान विष्णु त्रिमूर्ति में से एक हैं, जिनमें ब्रह्मा (सृष्टिकर्ता), विष्णु (पालनकर्ता) और शिव (संहारकर्ता) यह शामिल हैं| भगवान विष्णु संसार के पालनकर्ता माने जाते हैं और अपनी दिव्य शक्तियों से सारे संसार की रक्षा करते हैं|
भगवान विष्णु के दस मुख्य अवतार माने जाते हैं, जिन्हें दशावतार भी कहा जाता है| इन अवतारों में मत्स्य, कच्छप, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि हैं| इन अवतारों का मुख्य उद्देश्य धरती पर धर्म की रक्षा करना और दुष्टों का विनाश करना है|
भगवान विष्णु चार भुजाओं वाले रूप में होते है, जिनमें वे शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण करते हैं| वे समुद्र मे शेषनाग पर शयन करते हुए दिखाई देते हैं|
भगवान कृष्ण; भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं| भगवान कृष्ण का जीवन और लीलाएं महाभारत और भागवत पुराण में लिखित रूप में दी हुई हैं| वे गीता के उपदेशक हैं और धर्म की पुनः स्थापना और रक्षा के लिए कर्म, भक्ति और ज्ञान के मार्ग पर चलना सिखाते है |
भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था और उनका बचपन वृंदावन में बीता| उनके बाललीलाएं, जैसे माखन चोरी करना और गोपियों के साथ रासलीला करना प्रसिद्ध हैं| वे महाभारत युद्ध में अर्जुन के सारथी और मार्गदर्शक थे और उन्होंने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया|
भगवान कृष्ण आमतौर पर एक युवावस्था के रूप में, बांसुरी बजाते हुए और गोपियों के साथ रास करते हुए चित्र में दिखाई देते है| इसके साथ उनका रूप सुंदर, सावला रंग और मुकुट धारण किए हुए होता है|
दोनों देवताओं की श्रद्धा और पूजा हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है |
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आप जिंदा हैं, यह भगवान का अस्तित्व होने का सबूत नहीं हो सकता हैं क्या? अगर नहीं हो सकता हैं तो कुछ उदाहरण मैं दे देता हूँ कि, जिससे भगवान का अस्तित्व हैं, यह नास्तिक होने पर भी मानना पड़ेगा |
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