LFT, RFT और KFT यह सभी टेस्ट Liver (यकृत) और Kidney (गुर्दा) की कार्य को नापने के लिए किया जाता है | इन परीक्षणों को मनुष्य के बीमारी के समय पर निदान और उपचार में मदद करता है| जब आप किसी पेट, लिवर या किडनी के बीमारी को लेकर डाक्टर के पास जाते है, तब डाक्टर lft, rft और kft के टेस्ट को करने लिए कह सकता है और आपके ब्लड सैम्पल और मूत्र के सैम्पल्स को लैब में टेस्ट के लिए भेज सकता है |
LFT (Liver Function Test)
LFT को लिवर फंक्शन टेस्ट कहते है, इस टेस्ट में रक्त का परीक्षण/टेस्ट किया जाता है जिसका उपयोग यकृत (लिवर) के कार्य को मापने के लिए किया जाता है | इस टेस्ट में अलग-अलग प्रकार के एंजाइम, प्रोटीन और बिलीरुबिन के लेवल को मापकर, लिवर की बीमारियों का निदान किया जाता है | इन बीमारियों में हेपेटाइटिस, सिरोसिस और फैटी लिवर जैसी बीमारियाँ हो सकती है | अगर कीमत की बात करें तो वह आप किस जगह पर जा रहे है, इससे ते होगा | अगर आप सरकारी अस्पताल से टेस्ट करेंगे तो शायद आपको ज्यादा खर्चा नहीं करना पड़ेगा |
RFT (Renal Function Test)
RFT को रीनल फंक्शन टेस्ट कहते है | किडनी (गुर्दे) के संबंधी बीमारियों का पता करवाने के rft test की जाती है | इस टेस्ट में किडनी द्वारा फिल्टर किए जाने वाले पदार्थों की जांच की जाती है | इस टेस्ट को करने के लिए मरीज के रक्त और मूत्र का नमूना लिया जाता है | इस परीक्षण से किडनी का फेल होना, किडनी स्टोन और अन्य किडनी से संबंधित समस्याओं की पहचान की जाती है | किडनी प्रत्यारोपण के बाद भी RFT टेस्ट की जाती है |
KFT (Kidney Function Test)
KFT जिसे किडनी फंक्शन टेस्ट और यह एक प्रकार का RFT टेस्ट भी कहा जाता है, इसे भी किडनी के कार्यक्षमता को मापा जाता हैं | इसमें रुग्ण के बीमारियों, जैसे कि किडनी फेलियर, किडनी स्टोन और अन्य किडनी समस्या की जांच की जाती हैं | टेस्ट के लिए रक्त और मूत्र का नमूना लिया जाता है और क्रिएटिनिन, यूरिया, और अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स को चेक किया जाता है |
पढ़ना जारी रखें
राजस्थान में महिला संतों में मीरा बाई, महामती प्रभा, संत श्यामा (स्वर्ण कंवर), श्यामा बाई और सुजाजी बाई यह प्रमुख संत हो चुके हैं | इनमें से संत मीरा बाई और संत श्यामा के चरित्र चित्रण चंद शब्दों में दिया है |
मीरा बाई एक महान कवियित्री और भगवान कृष्ण की उपासिका थीं| उनका जन्म राजस्थान के मेड़ता में हुआ था| उन्होंने अपना जीवन भगवान कृष्ण को समर्पित किया और अपने भजनों के माध्यम से भक्ति आंदोलन में योगदान दिया| मीरा बाई को उनकी आध्यात्मिकता, काव्यशैली, और सामाजिक बंधनों के प्रति उनकी सोच के लिए जाना जाता है|
स्वर्ण कंवर, जिन्हें संत श्यामा के नाम से भी जाना जाता है, यह राजस्थान की एक प्रमुख संत थीं| वे अपने आध्यात्मिक ज्ञान, तपस्या, और समाज सुधार के कार्यों के लिए प्रसिद्ध थीं| संत श्यामा ने लोगों को धर्म के प्रति जागरूक किया और सामाजिक समरसता की भावना को बढ़ावा दिया| उनका जीवन समाज सेवा और आध्यात्मिकता का एक आदर्श उदाहरण था|
पढ़ना जारी रखें
क्या आप उत्तर देने में सहायता कर सकते हैं?