पीरियड मिस होने के बाद पेट में दर्द के कई कारण हो सकते हैं| यह दर्द हार्मोनल बदलावों, संभावित गर्भावस्था, या अन्य चिकित्सीय स्थितियों के कारण भी हो सकता है|
पीरियड में इन हार्मोनों का महत्वपूर्ण योगदान होता है| प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजेन इन हार्मोन्स के असंतुलन के कारण पीरियड मिस हो सकता है और पेट में दर्द हो सकता है|
अगर गर्भावस्था हुई है, तो भ्रूण के गर्भाशय की दीवार पर चिपकने के दौरान हल्का दर्द और रक्तस्राव हो सकता है, इसे इम्प्लांटेशन दर्द कहते है | गर्भावस्था के प्रारंभिक लक्षणों में पेट में दर्द, जी मचलना, थकान, और स्तन संवेदनशील हो सकते हैं|
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) यह हार्मोनल विकार है जिससे अंडाशय में सिस्ट के विकास के कारण पीरियड मिस हो सकते हैं और पेट में दर्द हो सकता है|
गर्भाशय में मांसपेशियों के गांठ हो सकते हैं, जो दर्द और अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकते हैं|
थायरॉयड से हार्मोन का असंतुलन पीरियड्स में बदलाव होकर पेट में दर्द हो सकता है|
अत्यधिक तनाव से हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता हैऔर इससे पीरियड मिस हो सकते हैं और पेट में दर्द हो सकता है|
अचानक वजन बढ़ने या घटने से पीरियड मे बदलाव हो सकता है|
अगर दर्द लगातार होता है या अन्य लक्षण जैसे कि अत्यधिक रक्तस्राव, उल्टी, चक्कर आना, या तेज बुखार है तो तुरंत अपने घरेलू डाक्टर से परामर्श लें|
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प्रेग्नन्सी के दौरान प्राइवेट पार्ट में दर्द होना आम बात है, इसमें शरीर मे हो रहे बदलाव, हार्मोनल बदलाव, रक्त प्रवाह का बढ़ना और पेट मे पल रहे बच्चे का सिर नीचे की ओर आना हो सकता है |
जैसे जैसे पेट में बच्चे का आकार बढ़ता है, वैसे वैसे योनि की जगह पर दबाव पड़ता है और इससे दर्द होता है | योनि की जगह पर मांसपेशियों में तनाव आने से भी दर्द हो सकता है | रक्त प्रवाह बढ़ने से वहाँ सूजन या दर्द हो सकता है |
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