अप्रैल 2024, मे एक खबर में AIMS अस्पताल द्वारा यह दावा किया गया है कि डायपर के इस्तेमाल से बच्चों की किडनी पर प्रभाव पड़ सकता है| लेकिन इस दावे की सत्यता की जाँच करने की आवश्यकता है |
AIMS अस्पताल के अनुसार, लंबे समय तक गीले या गंदे डायपर पहनने से शिशुओं में किडनी संबंधित समस्याएं हो सकती हैं| यह दावे शायद, संक्रमण और त्वचा की जलन के कारण किए गए होंगे, जो धीरे-धीरे किडनी पर दबाव डाल सकते हैं|
लेकिन लंबे समय तक गीले या गंदे डायपर से डायपर रैश और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन ये समस्याएं त्वचा और मूत्रमार्ग तक सीमित रहती हैं और सीधे किडनी को प्रभावित नहीं करती हैं |
अगर आपका समाधान हुआ हैं तो अपवोट देना न भूले |
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हर गर्भवती महिला को तीसरे महीने मे ultrasound करवाने की सलाह डॉक्टर देते है, ताकि भ्रूण की अवस्था नॉर्मल है या नहीं यह जाँचने के लिए | अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में बच्चे का वजन (फेटल वेट) अक्सर "Estimated Fetal Weight" (EFW) के रूप में रिपोर्ट के ऊपर या नीचे लिखा होता है | अगर नहीं लिखा होता है तो मैं आपको बताती हूँ की, इसे कैसे निकाला जा सकता है | इस वजन को नापने के लिए कुछ गणितीय समीकरण का उपयोग किया जाता है | नीचे भ्रूण के शरीर के हिस्सों से भ्रूण का अनुमानित वजन को आप जान सकते है |
डॉक्टर इन सभी मापों को विभिन्न समीकरणों की मदद से भ्रूण का अनुमानित वजन निकालते हैं |
आप भी https://srhr.org/fetalgrowthcalculator इस लिंक का उपयोग करके अपने भ्रूण का वजन नाप सकते है|
यह ध्यान दे कि यह वजन सटीक नहीं हो सकता है , यह केवल एक अनुमान होता है और वास्तविक जन्म के समय वजन में थोड़ी भिन्नता हो सकती है| अल्ट्रासाउंड में वजन की सटीकता गर्भावस्था के शुरुआत में अधिक होती है और जैसे-जैसे डिलीवरी का समय नजदीक आता है, इसमें थोड़ी कम-ज्यादा हो सकती है|
नमस्कार!!!
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"14344" शायद आपने यह आंकड़ा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखा होगा | यह केवल आंकड़ा नहीं है, बल्कि प्यारभरे पाँच शब्द है |
इसमें,
और इसका पूरा मतलब "I love you very much" (मैं तुम्हें बहुत प्यार करता या करती हूँ)|
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सूर्य ग्रहण में चाँद पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को कुछ समय के लिए ब्लॉक कर देता है, मतलब चाँद सूरज के सामने आ जाता है और हम पृथ्वी से सूरज को पूरी तरह से नहीं देख पाते|
सूर्य ग्रहण दिन में होता है|
चंद्र ग्रहण में पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और पृथ्वी की छाया चाँद पर पड़ती है तब चंद्र ग्रहण होता है, मतलब हमारी पृथ्वी चाँद के सामने आ जाती है और चाँद कुछ देर के लिए काला या तांबे जैसा लाल रंग का दिखाई देता है|
चंद्रग्रहण रात में होता है|
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