राजस्थान में महिला संतों में मीरा बाई, महामती प्रभा, संत श्यामा (स्वर्ण कंवर), श्यामा बाई और सुजाजी बाई यह प्रमुख संत हो चुके हैं | इनमें से संत मीरा बाई और संत श्यामा के चरित्र चित्रण चंद शब्दों में दिया है |
मीरा बाई एक महान कवियित्री और भगवान कृष्ण की उपासिका थीं| उनका जन्म राजस्थान के मेड़ता में हुआ था| उन्होंने अपना जीवन भगवान कृष्ण को समर्पित किया और अपने भजनों के माध्यम से भक्ति आंदोलन में योगदान दिया| मीरा बाई को उनकी आध्यात्मिकता, काव्यशैली, और सामाजिक बंधनों के प्रति उनकी सोच के लिए जाना जाता है|
स्वर्ण कंवर, जिन्हें संत श्यामा के नाम से भी जाना जाता है, यह राजस्थान की एक प्रमुख संत थीं| वे अपने आध्यात्मिक ज्ञान, तपस्या, और समाज सुधार के कार्यों के लिए प्रसिद्ध थीं| संत श्यामा ने लोगों को धर्म के प्रति जागरूक किया और सामाजिक समरसता की भावना को बढ़ावा दिया| उनका जीवन समाज सेवा और आध्यात्मिकता का एक आदर्श उदाहरण था|
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जब हम निर्जीव चीजों, जानवरों, या प्रकृति की चीजों को इंसान की तरह सोचने, बोलने, या व्यवहार करने का गुण देते हैं, तो इसे मानवीकरण अलंकार कहते हैं| उदाहरणार्थ, नदी गुनगुनाती हुई बह रही थी, चाँद तारों से बातें कर रहा हैं|
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