मैथिलीशरण गुप्त हिंदी साहित्य के द्विवेदी युग दौर के कवि माने जाते हैं| वे मुख्यतः खड़ी बोली में काव्य रचना करते थे और उन्हें महात्मा गांधीजी ने "राष्ट्रकवि" के रूप में सम्मानित किया | उनकी साहित्यिक रचनाओं में देशभक्ति, सांस्कृतिक गौरव, और मानवता के प्रति प्रेम प्रमुख विषय रहे हैं| मैथिलीशरण गुप्त की प्रसिद्ध कृतियों में साकेत, पंचवटी और जयद्रथ वध शामिल हैं| उनका साहित्य हिंदी काव्य जगत में महत्वपूर्ण स्थान है और उन्होंने भारतीय संस्कृति के मूल्यों को उजागर किया|
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कलियुग में सबसे बड़े देवता के रूप में भगवान विष्णु के अवतार; भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीराम को प्रमुख देवता माना जाता है| कलियुग में ज्यादातर महत्व भगवान श्रीकृष्ण को दिया जाता है|
भगवान विष्णु यह ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन त्रिदेवों में से एक हैं, वह सृष्टि के पालनकर्ता माने जाते हैं| वे प्रत्येक युग में एक नए अवतार में प्रकट होते हैं|
भगवान श्रीकृष्ण, जो भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं और कलियुग में भी पूजे जाते हैं| उन्होंने अर्जुन को मार्गदर्शित की हुई भगवद गीता की शिक्षाएँ कलियुग में मानव जीवन के कल्याण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं| गीता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और उनके नाम जाप करना कलियुग में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है |
हिन्दू धर्म में अन्य देवताओं को भी महत्वपूर्ण स्थान है, उनमें भगवान शिव, भगवान ब्रह्मा, प्रभु श्रीराम, भगवान हनुमान, और भगवान कल्कि हैं |
भगवान शिव का अवतार भगवान हनुमान को भी कलियुग में सबसे अधिक पूजा जाता हैं| लोगों का यह मानना है कि हनुमान जी अमर हैं और वे अभी भी जीवित हैं, इसलिए हनुमान चालीसा का पठन करने से हमारे सारे कष्ट दूर होते है और घर में सुख-शांति बनी रहती है|
विष्णु पुराण के आधार पर भगवान विष्णु कलियुग के अंत में अपने कल्कि अवतार में प्रकट होंगे और अधर्म का नाश करेंगे और वह सफेद घोड़े पर सवार होकर और हाथ में खड्ग धारण करके प्रकट होंगे और पापों का सर्वनाश करेंगे |
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